किसी को जलाने की एटीट्यूड शायरी | Kisi Ko Jalane Ki Attitude Shayari

Kisi Ko Jalane Ki Attitude Shayari: किसी को जलाने की एटीट्यूड शायरी  यहां इस पोस्ट में किसी की जलती हुई शायरी आपके साथ साझा की जा रही है, साथ ही दोस्तों की जलती हुई शायरी भी यहां साझा की गई है, जिसे आप अपने व्हाट्सएप या फेसबुक स्टेटस के लिए उपयोग कर सकते हैं।

 

माना कि तुम्हे भौंकना आता है।
लेकिन अगर औकात के बाहर भौंका
तो याद रखियो मुझे ठोकना भी आता है.

दुश्मनों की कमी थी सिर्फ

कुछ अपनो ने वो भी पूरी कर दी

जलने वालों को ब्लॉक नही करता में
आंखों में आंखे डाल के
ओर भी ज्यादा जलाता हूं में.

तुम अगर सोचते हो कि मैं बुरा हूँ !

तो तुम गलत सोचते हो, मैं बहुत बुरा हूँ !!

मेरी जान ब्लॉक तो बच्चे करते है,
में तो तुम्हे खुद की शक्ल दिखाऊंगा भी
और मेरी कामयाबी से जलाऊंगा भी
गाली नही देता में.बस इज्जत देते देते
इज्जत उतार देता हूं में.

किसी को जलाने की एटीट्यूड शायरी

किसी को जलाने की एटीट्यूड शायरी
किसी को जलाने की एटीट्यूड शायरी

गद्दी तेरी है पर ताज हमारा होगा,

शहर कोई भी हो, राज हमारा होगा !

चर्चाएं खास हो तो
किस्से भी जरूर होते है,
और उंगलियां तो इन पर ही उठती है
जो पहले से मशहूर होते है.

ज़िन्दगी का कोई रिमोट नहीं होता !

जागो उठो और इसे खुद बदलो !!

चांद समझा वो तारा निकला
एक मसीहा जो कातिल हमारा निकला
और मेरे पास जिसे पहन घमंड में आए हो
क्या करोगे अगर वो मेरा उतारा निकला.

हमने मेहनत भी की और प्यार में दिल भी लगाया

हमने नाम के साथ साथ पैसा भी खूब कमाया

दुनिया की नजरो में, में बुरा हूं
और मेरा गुनाह ये है कि
सामने उनके में नही झुका हूं.

Kisi Ko Jalane Ki Attitude Shayari

अगर लोग आपको नीचे गिराना चाहते हैं !

तो इसका मतलब आप उनसे ऊपर हैं !!

आजकल हमें डुबाने की
नाकाम कोशिशें वही कर रहे है,
जिन हरामखोरी को तैरना
हमने ही सिखाया था.

हम दोस्ती जितनी शिद्दत से निभाते है,

दुश्मनी भी उतनी ही शिद्दत से निभाते है !

मेरी औकात अपने बाप से पूछ
जब भी मिलता है सलाम ठोकता है।

खुदा मेरे दुश्मनों को लम्बी उम्र दें !

ताकि वो मेरी क़ामयाबी देख सकें !!

अक्सर औकात की बात वही किया करते है

जो कायर हमेशा झुंड में चला करते हैं।

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जो मुकाबला नहीं कर सकता वह मुझ से जलता है। 

मुझे भी पसंद है उस का जलते रहना। 

इतना गुमान मत रखो गोरे रंग का

हम दूध से ज़ादा चाय के दीवाने हैं।

अगर कोई चुप है तो इसका मतलब ये नहीं कि उसे बोलना नहीं आता ! 

हो सकता है वो थप्पड़ मारने में यकीन रखता हो !!

ख़ुदा सलामत रखे उन आँखों को

जिनमे आजकल हमें चुभते बहुत हैं।

कुछ हमारे ही दोस्त होशियार निकले,

दोस्ती की आड़ में बड़े गद्दार निकले !

टक्कर की बात मत करो जिस दिन सामना होगा

उस दिन हस्ती मिटा देंगे।

हम न बदलेंगे वक़्त की रफ़्तार के साथ ! 

जब भी मिलेंगे अंदाज़ पुराना ही होगा !!

इस बात से लगा लेना मेरी शक्शियत का अंदाजा

वो लोग मुझे सलाम करते है जिन्हे तूम सलाम करता हो ।

मैं तो कब का आगे बढ़ चुका हूं

मुझ से जलने वाले आज भी वही पर है। 

न शेर हु न शिकारी, न बादशाह न खिलाड़ी , हम वो चिंगारी है

जो एक बार सुलग गयी तो जिंदिगी बर्बाद करदेगी तुम्हारी।

जिनमें अकेले चलने का हौसला होता है !

उनके पीछे एक दिन क़ाफ़िला होता है !!

ऊँचा उड़कर इतना न इतराओ परिंदो

अगर में औकात पर आ गया तो आसमान खरीद लूंगा

मेरे ‪साथ रहना है तो दोस्ती निभाना ‪‎सिख लो

वरना तुम ‪‎अपनी औकात में रहना ‎सिख लो !

कितनी ही  शिद्दत से संभाल लो जिंदिगी को तुम।

कोई न कोई कमी रह जाएगी मेरे बिन

मुझे समझने के लिये ! 

आपका समझदार होना ज़रूरी है !!

खामोश हु बेज़ुबान नही।

शिकारी हु किसी का शिकार नहीं।

ये हकीकत है इतेफाक नही

जलने वालों की बराबरी करने की ओकर नहीं। 

मेरे साथ जब मैं  खुद खड़ा होता हु।

क़यामत के हर तूफ़ान से बड़ा हु।

सही वक़्त पर करवा देंगे हदों को अहसास !

कुछ तालाब खुद को समन्दर समझ बैठे हैं !!

वक़्त रहते ही करवा देंगे तुम्हे तुम्हारी पहचान,

कुछ गली के कुत्ते भी खुद को शेर समझ बैठे है !

इतना अमीर नहीं हूँ कि सब कुछ खरीद लूँ ! 

लेकिन इतना गरीब भी नहीं हूँ कि खुद बिक जाऊं !!

जलने वालों से एक बात कहना चाहता हूं

अगर तुम जलोगे तो बराबरी कब करोगे। 

जब महसूस हो सारा शहर तुमसे जलने लगा !

समझ लेना तुम्हारा नाम चलने लगा !!

अगर दूसरों पर उंगली उठाते उठाते थक गए हो,

तो जरा खुद पर भी उंगली उठाकर देख लो !

अक्सर जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन !

क्योंकि एक मुद्दत से मैंने न दोस्त बदले न मोहब्बत !!

आजकल दोस्ती सिर्फ मतलब की रह गयी है जनाब,

अब लोग दोस्ती भी करते है तो अपने मतलब के लिए !

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जीत हासिल करनी हो तो क़ाबिलियत बढ़ाओ !

क़िस्मत की रोटी तो कुत्तों को भी मिला करती है !!

मुझे तो बहुत अच्छा लगता है

जब मेरा खास इंसान भी मुझ से जलने लगता है।

तमन्ना तेरे जिस्म की होती तो छीन लेते दुनिया से !

मोहब्बत तेरी रूह से की इसलिए मांगते हैं खुदा से !!

हम दोस्ती जितनी शिद्दत से निभाते है,

दुश्मनी भी उतनी ही शिद्दत से निभाते है !

इश्क़ की पतंगे उड़ाना छोड़ दी हमने वरना !

हर हसीना की छत पर हमारे ही धागे हुआ करते थे !!

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